दीन इस्लाम और नेक बातें (Deen Islam and Gentle Quotes)
1. हजरत अबू मूसा अश्अरी र.अ. से रिवायत है कि नबी करीम स. ने इरशाद फरमाया: जिन लोगों के साथ कोई यतीम उनके बरतन मे खाने के लिए बैठे तो शैतान उनके बरतन के करीब नहीं आता।
( हदीस तबरानी और मजमऊज्वाईद)
२. माँ के पैरों तले जन्नत है और बाप जन्नत का दरवाजा है। (हदीस)
3. अपना ताल्लुक अल्लाह सुब्हान व त्आला से मजबूती से जोड़ लें। यही हर मसले का हल है।
४. मस्जिद मे आगे की सफों मे जगह रहने पर भी कई लोग पीछे की सफों मे सुन्नत-नफील पढ़ने लगते हैं जिससे आगे जाना मुश्किल हो जाता है। हालाँकि आगे की सफों मे नमाज पढ़ने मे ज्यादा सवाब है। इसका खुद भी ध्यान रखें और दुसरों को भी बताऐं।
५. जिस तरह रमदान महीने मे मस्जिदें आबाद हैं उसी तरह पूरे साल आबाद कीजिए।
६. जकात, सदका, खैरात, हदिया आदि नेकी-पुण्य के काम हलाल कमाई से ही करें। सूद, रिश्वतखोरी, चोरी, बेईमानी, झूठ से कमाई खुद ही पकड़ का जरिया है। इससे बचना सबको जरूरी है।
७. शदीद गर्मी मे भी हिम्मत बनाए रखिए। फ़र्ज़ रोज़े रमदान मे पुरे रखिये।
८. प्रत्येक 40 दिन के अन्दर बगल और जघनास्थि (शर्मगाह के आस पास) के बाल को मुंडना जरूरी है। (दीनी जानकारी)
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