चुगली करना, गीबत करना और ताना मार कर बात करना ऐसे गुनाह हैं जिससे बहुत कम लोग ही बच पाते हैं. कुछ लोग इस अंदाज़ मे ये गुनाह करते हैं जैसे उन्हे इसमे बुराई दिखती ही नही है. लेकिन ये गुनाह भी बड़े हैं और सबको इससे बचना चाहिये.
अल्लाह ने क़ुरान (104:1) मे फरमाया, " बड़ी खराबी है उस शख्स के लिये जो ताना मार कर बात करने वाला हो और पीठ पीछे किसी की बुराई (गीबत) करने वाला हो." अल्लाह ने क़ुरान (049:12) मे गीबत को 'अपने मृत भाई के गोश्त खाने' जैसा गुनाह बताया है.
इसलिये सबको चाहिये कि बोलने मे हमेशा सावधानी बरतें.अगर किसी बात से किसी का कोई फायदा नही तो उसे न बोलना ही बेहतर है. सत्य बात भी अप्रिय तरीके से नही बोलना चाहिये. किसी का मजाक या उपहास उड़ाना नही चाहिये. दूसरे की निन्दा को अपना शौक बनाना नही चाहिये.
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