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Sunday, October 8, 2023
Population of All Castes of Muslims in Bihar 2023
Tuesday, May 4, 2021
Breaking। 04.05.2021। Bihar Lockdown Guidelines। Status of Construction Work। क्या खुला। क्या बंद
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Thursday, November 19, 2020
Bihar Government Jobs for Civil, Electrical & Mechanical Engineers
बिहार सरकार मे Civil, Electrical, Mechanical Engineer की Bumper Vacancy. जल्द Apply करें। Click karke video dekhen.
CIJK चैनल में सभी का स्वागत है. इस चैनल में आपको Construction Industry, Job & Knowledge संबंधित जानकारी मिलती है. साथ ही इस फील्ड के अपने अनुभव आपसे साझा करता हूँ.
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Tuesday, October 13, 2020
बिहार का अगला मुख्यमंत्री या तो तेजस्वी होंगे या उपेन्द्र कुशवाहा या भाजपा से कोई भी Next CM of Bihar will be Tejaswai or Upendra or anyone from BJP
बिहार का अगला मुख्यमंत्री या तो तेजस्वी होंगे या उपेन्द्र कुशवाहा या भाजपा से कोई भी Next CM of Bihar will be Tejaswi or Upendra or anyone from BJP
मेरी राय मे बिहार अगला मुख्यमंत्री या तो तेजस्वी होंगे या उपेन्द्र कुशवाहा या भाजपा से कोई भी। नीतीश को चिराग इतना कमजोर करेंगे कि वे अब CM पोस्ट क्लेम ही नही कर पाएँगे।
AIMIM के समर्थन से उपेन्द्र कुशवाहा पहले से मजबूत होंगे। मुस्लिम, दलित, कोईरी जाति समेत कई पिछडी जाति का अच्छा खासा वोट इस गठबंधन को मिलने की उम्मीद कर सकते हैं।
भाजपा प्रेमी जदयू को कमजोर और लोकजन शक्ति पार्टी को मजबूत कर सकते हैं ताकि CM पोस्ट क्लेम कर सकें।
Sunday, October 11, 2020
रामविलास पासवान कर्मठ इंसान भी कहलाए, और राजनीति के मौसम वैज्ञानिक भी, आखिर क्यों? Ram Vilas Paswan
रामविलास पासवान कर्मठ इंसान भी कहलाए,
और राजनीति के मौसम वैज्ञानिक भी,
आखिर क्यों? जानिए इस वीडियो मे।
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Monday, April 29, 2019
कन्हैया कुमार के गुण (Merits of Kanhaiya Kumar)
Friday, March 29, 2019
बेगुसराय से कन्हैया को जीतना चाहिए (Kanhaiya should win from Begusaray)
राष्ट्रीय जनता दल द्वारा कन्हैया कुमार को बेगुसराय लोकसभा सीट से समर्थन न देना निंदनीय है। भविष्य मे इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है जो कि साम्प्रदायिकता, गरीबी, कुपोषण से लड़ने का दावा करती है।
जिनके लिए कन्हैया का स्वर्ण होना पाप है, क्या वे ऐसा इरादा कर सकते हैं कि किसी भी पार्टी के किसी भी स्वर्ण को वोट नहीं करेंगे। मेरी राय तो यह है कि उम्मीदवार चाहे किसी भी धर्म या किसी भी जाति से हो, अगर वह न्यायप्रिय पार्टी से हो, आपका और देश का हित चाहता हो, तो उसका समर्थन कीजिए।
Thursday, March 21, 2019
बिहार सरकार मे 6379 इंजीनियर की वैकेन्सी आई है( 6379 engineers required in Bihar government)
Wednesday, October 5, 2016
शहाबुद्दीन मुस्लिमों के रहनुमा नहीं बन सकते (Shahabuddin can't be leader of Muslims)
राजद के पूर्व सांसद और दबंग नेता मो० शहाबुद्दीन आजकल चर्चा के केंद्र में हैं. हर कोई उनकी चर्चा कर रहा है चाहे उनके विरोधी हों या फिर समर्थक. कुछ दिन पहले तक शायद उनको भी यह अहसास नहीं होगा कि उनकी चर्चा सिर्फ देश में नहीं बल्कि विदेशों में भी होगी. उनकी सनसनी अगर पूरी दुनिया में है तो इसका क्रेडिट भारतीय मीडिया और भारतीय जनता पार्टी को जाता है.
Monday, October 3, 2016
शराब निर्माण और पैकिंग एवं बॉटलिंग भी बंद हो (Production, bottling and packing of liquor should be banned also in Bihar)
एक तरफ बिहार सरकार बिहार में शराबबंदी को सफलता से लागू करने में जी जान से जुटी हुयी है तो दूसरी तरफ बिहार में शराब निर्माण (दुसरे राज्यों में आपूर्ति के लिए) और इसके पैकिंग एवं बॉटलिंग को बढ़ावा दे रही है. सरकार का यह दूसरा कदम हास्यास्पद और घोर निराशाजनक है.
Thursday, September 22, 2016
'पटना लाइव' और साप्ताहिक 'जॉब सर्च' (Patna Live and Job Search)
Monday, September 5, 2016
पत्र सूचना कार्यालय की सार्थक पहल (Useful Efforts of PIB)
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की प्रमुख मिडिया इकाई, पत्र सूचना कार्यालय (प्रेस इन्फर्मेशन ब्यूरो) की पटना शाखा द्वारा औरंगाबाद, बिहार के वैष्णवी होटल मे दिनांक ३१ अगस्त २०१६ को 'ग्रामीण मिडिया कार्यशाला- वार्तालाप' के नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन औरंगाबाद के जिलाधिकारी श्री कँवल तनुज ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस कार्यक्रम मे जिले के शहरी और ग्रामीण सभी पत्रकारों को आमंत्रित किया गया था.
Wednesday, August 24, 2016
बिहार में शराबबंदी पर नीतीश को फ़ायदे भी चुनौतियां भी (Benefits and challenges for Nitish Kumar on liquor ban in Bihar)
बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी लागू करके बहुत बड़ा पुण्य का कार्य किया है. इससे पूरे बिहार में शांति का माहौल बना है. वैसे तो हर बिहारवासी इससे लाभान्वित हुआ है पर महिलाएँ और दलित-पिछड़े ज़्यादा लाभान्वित हुए हैं क्योंकि इस दुर्व्यसन के ज़्यादा शिकार और पीड़ित यही थे.
२. गुजरात में पहले से शराबबंदी है पर इसका श्रेय भारतीय जनता पार्टी नहीं ले सकती क्योंकि यह कॉंग्रेस के जमाने से है. प्रधानमंत्री के ‘गुजरात मॉडल’ में भी यह शामिल नहीं है. अगर इसे इसमें शामिल करते तो भाजपा शासित अन्य प्रदेशों में भी इसे लागू करना पड़ता जो कि मुश्किल कार्य है.
३. शराब व्यवसाय में ज़्यादा भागीदारी पूंजीपतियों की है जिसका अधिकांश समर्थन भाजपा को है.
४. श्री नीतीश कुमार की इस अच्छी छवि से सहयोगी पार्टियों में भी बेचैनी है क्योंकि इसका क्रेडिट सिर्फ़ नीतीश कुमार को मिल रहा है क्योंकि उन्हीं का यह चुनावी वायदा था जिसे सरकार बनने के बाद पूरा किया.
५. हर पार्टी में कुछ नियमित शराब पीने वाले हैं, उनको इस शराबबंदी से तकलीफ़ है. वे चाहते हैं कि श्री नीतीश कुमार यह फ़ैसला वापस ले लें.
१. जो लोग शराब के आदि थे वे इसे कैसे भी हासिल करना चाहते हैं.
२. पड़ोसी राज्यों मे शराबबंदी नहीं है.
३. बुरे तत्व अधिक आय की लालच में या तो इसे पड़ोसी राज्यों से लाकर लुके-छिपे बेच रहे हैं या अवैध ढंग से बिहार में ही निर्माण कर रहे हैं.
४. पुलिसकर्मियों पर काम का दबाव बढ़ गया है.
५. विपक्षी राजनीति की वजह से सब लोग सरकार का साथ नहीं दे रहे हैं.
श्री नीतीश कुमार का यह फ़ैसला जनहित में है. सभी देशवासियों को उन्हें इस मसले पर समर्थन देना चाहिए और पूरे भारत में शराबबंदी लागू करने के लिए आंदोलन करना चाहिए. शराबियों को आदत से छुटकारा पाने में वक़्त लगेगा और अच्छे परिणाम आने में भी. शराबियों की हाय-तौबा पर ध्यान न देकर श्री नीतीश कुमार अपने फ़ैसले पर अडिग रहें और शराब पीने से होने वाले नुक़सान का ज़ोर-शोर से प्रचार करते रहें.
Saturday, December 27, 2014
RJD और JDU में गठबंधन हो तो बेहतर (Alliance is better than merger of RJD and JDU)
Wednesday, December 17, 2014
दलितों के नायक जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi is hero for dalits)
लक बाइ चान्स यानी किस्मत से बने बिहार के मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी स्वयम् को दलितों के नायक के रूप में पेश करने मे कामयाब हुये हैं. मुख्यमंत्री की गद्दी सम्हालते वक्त हर कोई को यही लगा था कि ये पूर्व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के रिमोट के रूप मे काम करेंगे. लेकिन लोगों की गलत धारणा को खत्म करने में इन्हें ज्यादा वक्त नही लगा. कुछ ही हफ्तों मे विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने भी मान लिया कि श्री माँझी 'हटकर' हैं और सारे फैसले खुद ले रहे हैं.
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने चाय बेचा है या चायपत्ती (जो कि उद्योगपति टाटा ने भी बेचा है), संदिग्ध हो सकता है पर श्री जीतन राम माँझी द्वारा चूहा पकडना और चूहे के मांस के प्रयोग की बात असंदिग्ध है. बिहार मे महादलित में शुमार मुसहर जाति से आने वाले श्री जीतन राम माँझी द्वारा हाल फिलहाल मे दलितों और पिछड़ों के पक्ष मे दिया गया बयान और कार्य उन्हें दलितों के नायक के तौर पर पेश कर दिया है. यही कारण है कि अब भारतीय जनता पार्टी उन पर डाइरेक्ट हमले करने से बच रही है ताकि दलित वोट उनसे छिटक न जाये. भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी के बजाये बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रीश्री नीतीश कुमार पर हमले कर रही है.
Sunday, July 27, 2014
सासाराम और औरंगाबाद गोलीकांड
Saturday, June 28, 2014
सिर्फ महादलितों के लिये योजनाएं क्यों?
बिहार के नये मुख्यमंत्री श्री जीतन राम माँझी आजकल कई अहम और कड़े फैसले ले रहे हैं. उन्होने वो फैसले भी लिये जिसे लेने मे पिछले मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार हिचक रहे थे. इससे यह बात साफ हो गयी है कि श्री माँझी रेमोट कंट्रोल वाले मुख्यमंत्री नही हैं और खुद फैसला लेने मे सक्षम हैं. इससे श्री नीतीश कुमार की अच्छाई का भी पता चलता है कि वे नये मुख्यमंत्री को सभी फैसले लेने की आजादी दे रखी है और किसी भी ढंग का हस्तक्षेप नही कर रहे हैं.
अहम और कड़े फैसले मे एक फैसला बिहार के पुलिस प्रमुख का चेंज करना है. यह तो आने वाला वक़्त ही बतायेगा कि श्री माँझी का लिया गया फैसला कितना सही है और कितना गलत. लेकिन यह सही है कि श्री अभयानंद के विनम्र स्वभाव का उनके कुछ जूनियर ऑफीसर नाजायज़ फायदा उठाते थे और उनके दिशा निर्देश को ठंडे बस्ते मे डाले रखते थे.
श्री माँझी ने कई कल्याणकारी योजनायों की घोषणा की है जिसमे से अधिकतम योजनाएं महादलितों के कल्याण की है. श्री माँझी को याद रखना होगा कि वे सभी वर्गों के लिये मुख्यमंत्री है. इसलिये उनसे गुजारिस है कि सारी योजनाएं महादलित, दलित, पिछडे वर्ग, अल्पसंख्यक, गरीब स्वर्ण आदि सभी कमजोर और वंचित लोगों के हित मे हो, इसका वे ध्यान रखें.
Wednesday, May 21, 2014
शरद यादव से सतर्क रहें नीतीश कुमार
बिहार के निवर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिद्धान्तों की खातिर जो क़ुर्बानियाँ की है वैसे उदाहरण राजनीति मे कम ही मिलते हैं. नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा देना किसी को सीखना है तो नीतीश कुमार से सीखे. नीतीश कुमार को बिहार की जनता ने 5 साल के लिये जनादेश दिया था और इस्तीफे की जरूरत भी नही थी क्योंकि उनकी पार्टी की हार तो लोकसभा चुनाव मे हुई थी, फिर भी इस्तीफा देना और मुख्यमंत्री एक दलित नेता को बना देना, उनकी महानता की कहानी कहती है. लोकसभा चुनाव मे नीति के आधार पर भाजपा से गठबंधन तोड़ना, हार को स्वीकार करना और नतीजों के बाद भी साम्प्रदायिक शक्तियों से दूरी बनाये रखना उनकी महानता को और उपर ले जाती है.
लेकिन नीतीश कुमार की क़ुर्बानियों पर उनकी पार्टी के ही दूसरे वरिष्ठ नेता शरद यादव पानी न फेर दें, इसके लिये नीतीश कुमार को सतर्क रहने की जरूरत है.यह सब जानते हैं कि शरद यादव भाजपा से गठबंधन तोड़ने के खिलाफ थे और दबे स्वर मे विरोध कर रहे थे लेकिन नीतीश के आगे उनकी नही चली. गठबंधन टूटने की वजह से शरद यादव को एन डी ए के संयोजक की कुर्सी गँवानी पड़ी, फिर लोकसभा मे भी हार हुई जिसकी वजह से वो अंदर ही अंदर नीतीश से काफी नाराज़ है और नीतीश और उनकी पार्टी को कमजोर करने मे लगे हैं. नीतीश कुमार से इस्तीफा दिलवाकर, फिर दूसरे को मुख्यमंत्री बनवाकर शरद यादव ने अपनी चाल चल दी है. जीतन राम माँझी के कार्यकाल मे नीतीश की हैसियत कम जायेगी और साथ ही पार्टी भी कमजोर होगी. अगर पार्टी आगे चल कर टूटी तो शरद यादव भाजपा के साथ जाने वाले गुट का नेतृत्व करेंगे और बदले मे भाजपा से अच्छा पोस्ट पायेंगे.
इसलिये नीतीश कुमार को शरद यादव के हर कदम पर नज़र गड़ाये रखना चाहिये और पार्टी पर अपनी पकड बनाये रखना चाहिये ताकि बिहारवासियों को एक अच्छे नेता की सेवा लगातार मिलता रहे. साथ ही साथ अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी हेतु राजद से सम्बंध अच्छा करना चाहिये ताकि आगे चलकर गठबंधन की संभावना बन सके. उन्हे यह भी ख्याल रखना चाहिये कि जिन लोगों ने उन्हे लोकसभा चुनाव मे धोखा दिया है वो लोग विधानसभा चुनाव मे भी देंगे.
Sunday, April 20, 2014
भाजपा से दुबारा मिलने का सवाल ही नही: डा. भीम सिंह
बिहार के ग्रामीण कार्य और पंचायती राज विभाग के मंत्री और जनता दल युनाइटेड के वरिष्ठ नेता डा. भीम सिंह ने इस ब्लॉग के लिये दिये गये साक्षात्कार मे कहा है कि उनकी पार्टी अब भविष्य मे कभी भी भाजपा गठबंधन का हिस्सा नही बनेगी. उन्होने यह भी कहा कि उनके नेता श्री नीतीश कुमार की विश्वसनीयता की वजह से ही मुस्लिम समुदाय भी काफी संख्या मे उनकी पार्टी से जुड़ रहा है.
पाठकगण पूरा साक्षात्कार पढ़ें, इसके पहले मैं मंत्री जी को हार्दिक धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होने अपने व्यस्त और कीमती समय मे से कुछ वक्त मेरे इस ब्लॉग के लिये निकाला. बिहार मे कल गुरुवार को दूसरे चरण का महत्वपूर्ण चुनाव था और अभी कई चरण बाकी हैं, ऐसे मे उनका इसके लिये समय निकालना उनकी महानता और सरलता को दर्शाता है. उनका जवाब आज शुक्रवार की सुबह ही प्राप्त हुआ है.
जहाँ तक इन दोनों में फर्क का है तो वह अंतर कार्यशैली का है। आपने स्वंय भी इसका अनुभव किया होगा।नीतीश जी के नेत्रित्व में बिहार ने चमात्कारिक विकास किया है।
Friday, January 31, 2014
बिहार और भ्रष्टाचार (Bihar and Corruption)
भ्रस्टाचार से लड़ाई मे आजकल बिहार सरकार बहुत ही अच्छा काम कर रही है. पिछले कई वर्षों मे कई भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को जेल के पीछे भेजा गया और उनकी संपत्तियों को जब्त किया गया.
आज के बिहार के अखबारों पर नज़र डालें तो इसे झुठलाया नही जा सकता बल्कि हक़ीक़त है. भ्रष्टाचार की लड़ाई मे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिना प्रसिद्धि के अच्छा काम कर रहे है पर यह दुर्भाग्य है कि सारा प्रसिद्धि अरविन्द केजरीवाल ले रहे हैं.
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