सही बुखारी (नंबर 073:002) की हदीस का माफ़ुम है कि एक आदमी अल्लाह के नबी मोहम्मद (सल्ललल्लाहु अलैहि वसललम) के पास आया और पूछा, " ऐ अल्लाह के नबी, मुझसे सबसे अच्छा सुलूक (व्यवहार) पाने का हक़दार कौन है? अल्लाह के नबी ने जवाब दिया, "तुम्हारी माँ." आदमी ने पूछा,'उसके बाद?'. अल्लाह के नबी ने जवाब दिया, "तुम्हारी माँ". आदमी ने फिर पूछा, 'उसके बाद?" अल्लाह के नबी ने जवाब दिया, "तुम्हारी माँ." आदमी ने चौथी बार फिर पूछा, 'उसके बाद?" अल्लाह के नबी ने जवाब दिया, "तुम्हारे पिता."
एक दूसरी हदीस मे माँ के पैरों तले जन्नत कहा गया. संस्कृत मे एक श्लोक का अर्थ है कि माँ और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर हैं.
अल्लाह और अल्लाह के रसूल मोहम्मद (स. अ. व.) ने सारे इंसानों से अच्छे अख़लाक़ से पेश आने को कहा है. यहाँ तक कि किसी को बिना वजह बातों से तकलीफ पहुंचाना भी गुनाह कहा गया. बिना वजह किसी का दिल तोड़ना काबा तोड़ने से भी बड़ा गुनाह बताया गया है.
इसलिये हम सारे इंसानों को चाहिये कि दूसरे इंसान के साथ अच्छे व्यवहार से पेश आयें. माँ- बाप की खिदमत करें और सबको अपना हक अदा करने वाले बनें.
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