कुछ दिन पहले एक समाचार पढ कर ग्यात हुआ था कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आडवाणी और जोशी जैसे बुजुर्ग नेता को कॅबिनेट से बाहर इसलिये रखा क्योंकि उनकी उम्र 75 वर्ष से ज्यादा है. मैं नमो के इस अघोषित नियम से सहमत हूँ बल्कि इसको 65 वर्ष करने की मांग करता हूँ.
भारत के सरकारी कार्यालयों मे काम करने की अधिकतम उम्र कहीं 58, कही 60, कहीं 62 और कहीं 65 वर्ष है. इसके बाद इन्हे काम के योग्य नही समझा जाता और रिटाइर कर दिया जाता है. जब एक आम आदमी 65 वर्ष उम्र पार करने के बाद बच्चों को पढ़ाने के योग्य भी नही रह जाता तो 65 वर्ष के बाद देश और राज्य चलाने की क्षमता कैसे रह जाती है, यह सोंचने वाली बात है.
इसलिये मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और सभी सम्बंधित लोगों से मांग करता हूँ कि कानून बनाकर राष्ट्रपति, राज्यपाल, सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य जैसे पदों के लिये अधिकतम उम्र सीमा 65 वर्ष तय करें.
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