दिनांक: 09. 02. 2024, स्थान: जोगेश्वरी रेलवे स्टेशन, मुंबई
वह गोरी थी। खुबसूरत थी। स्लीम थी। कमसीन दिख रही थी लेकिन यकीनन 18 या 21 से ऊपर होगी। और जैसा उसने मुझसे व्यवहार किया, वह खानदानी भी होगी।
वह रूटीन चेक अप पर थी। कई लोगों के बैग चेक करते हुए मेरे करीब आई। स्माइल के साथ पहले अपना परिचय दी, 'मैं सब-इंस्पेक्टर फलां ' फिर बोली- क्या आप अपना बैग चेक कराएंगे?
मैं भी स्माइल के साथ बैग का जीप खोल दिया। मैडम को पानी का 1 बोतल, और टिफीन के 2 खाली डिब्बे दिखे। फिर एक बडी़ स्माइल देते हुए आगे बढ़ गई।
काश, ऐसा ही व्यवहार सारे पुलिसकर्मियों का होता।
- मोहम्मद खुर्शीद आलम
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