हर इंसान के साथ एक शैतान लगा रहता है जो कि इंसान को बुराइयों के लिये उकसाता है. जो इंसान शैतान को अपने वश मे नही कर पाया वह इंसान शैतान के वश मे हो जाता है और बुराइयों की ओर अग्रसर होता रहता है. जो इंसान शैतान पर काबू कर लेता है वह बुराइयों से बचा रहता है और अच्छाइयों पर अमल करता है.
कहते हैं कि खाली वक्त और खाली घर शैतान का होता है. इसलिये हमे चाहिये कि एकांत से बचें और खुद को अच्छे कार्य मे हमेशा व्यस्त रखें. अपनी 24 घंटे की जिंदगी को अगर हम ईश्वरीय आदेश के अनुसार व्यतीत करेंगे तो बुराई की गुंजाइश ही नही रहेगी. खुद को अच्छे कार्य मे व्यस्त रखने के लिये नीचे दिये गये टिप्स को अपनाकर देखें.
1. सूर्योदय के पूर्व जागने की कोशिश करें. अपने अपने धर्म के अनुसार ईश्वर को याद करें. घर मे मौजूद माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी आदि सभी का अभिवादन करें. नित्य क्रिया से फारिग होकर कुछ वक़्त नमाज़, योगा आदि पर दें. दूसरे व्यायाम भी किये जा सकते हैं.
2. परिवार के सभी सदस्य साथ बैठ कर नाश्ता करने की कोशिश करें. नाश्ते मे फलाहार को भी शामिल करें. जो सदस्य ड्यूटी या अध्ययन के लिये बाहर जाते हैं और लंच ब्रेक मे घर नही आते, वे अपना टिफिन पॅक कर लें.
3. अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभायें. साथियों के साथ गप्पेबाज़ी या और कोई अनुचित कार्य से बचें. छात्र अपना ध्यान अध्ययन पर केन्द्रित करें और अध्यापक की बात पूरे गौर से सुनें.
4. ड्यूटी और अध्ययन के बाद शाम मे अक्सर हमे खाली वक़्त मिलता है जिसका सदुपयोग बहुत जरूरी है. इस वक्त को खेल-कूद, सामाजिक और भलाई के कार्यों मे प्रयोग किया जा सकता है.
5. रात्रि मे जल्द खाने और जल्द सोने का नियम बनाएं. जल्द सोने से सुबह मे जल्दी जागने मे आसानी होगी. अगर शादी-शुदा हैं तो सोने से पहले पति-पत्नी एक दूसरे का हक अदा करें और एक दूसरे को संतुष्ट करें.
6. 24 घंटे मे जो भी खाली वक़्त मिले उसे किसी नेक कार्य मे लगाएं. ईश्वर की महिमा का गुणगान भी नेक कार्य मे शामिल है.
7. अकेलापन से बचने का प्रयास करें. ज्यादा से ज्यादा समय अपने परिवार के सदस्यों के साथ बिताने की कोशिश करें. किसी अजनबी से अकेले मे न मिलें. देर रात्रि अगर घर से बाहर जाना जरूरी हो तो घर के एक और सदस्य को साथ लें.
8. अपने घर मे मित्रों की पहुंच अपने गेस्ट रूम या बरामदे रूम तक ही रखें. इसी तरह अगर आप भी अपने मित्र के घर जाएं तो अपनी पहुंच को यहीं तक रखें.
9. व्यभिचार (शादी पूर्व या पति-पत्नी के अलावा किसी दूसरे से शारीरिक सम्बंध) को हर धर्म मे बहुत बड़ा पाप बताया गया है. खुद भी इस बुराई से दूर रहें और दूसरों को भी इस बुराई से दूर रहने को प्रेरित करें.
10. पुण्य और दान के कार्यों मे बढ़चढ़ कर हिस्सा लें.
11. धार्मिक किताबें और महापुरुषों की जीवनियाँ खूब पढ़ें.
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