Google Ad

Labels

Civil Engineering Jobs (125) Mohammad Khurshid (84) Mechanical Engineering Jobs (82) Engineering Jobs (79) Construction Jobs (72) Electrical Engineering Jobs (69) Islam (51) काम की बातें (43) Government Jobs (42) Politics News (39) Multiple Jobs (33) Architect Job (30) Electronics Engineering Jobs (25) Instrumentation Jobs (22) Bihar News (21) Account Job (20) Draftsman Jobs (17) Chemical Engg Jobs (16) Supervisor Jobs (16) Construction News (15) Safety Jobs (15) Civil Engineering (14) Sales Executive Jobs (14) Computer Science & IT Jobs (13) Civil Engineering Interview (12) L&T Company (12) Interior Designer (11) gulf jobs (9) HR Jobs (8) MEP Jobs (8) Chemist Jobs (7) Electrical engineering (7) Tips to get Job (7) Faculty Jobs (6) Non Teaching Jobs (6) CIDCO Jobs (5) Freelance Work (5) Mining Jobs (5) Part Time Job (5) Quality Control Engineer (5) Work From Home (5) Fresher Jobs (4) NTPC Jobs (4) Online Job at Amazon (4) Quality Control Manager (4) UP ELECTIONS 2017 (4) #Billing (3) Bharati Vidyapeeth Jobs (3) LockDown News (3) Medical Jobs (3) Planning Engineer (3) Question Answer (3) Teacher Jobs (3) Factory Jobs (2) Gemini Engi Fab Limited (2) Saudi Jobs (2) Storekeeper (2) YouTube Channel Tips (2) Alfa InfraProp Pvt Ltd (1) Automobile Jobs (1) CEO Jobs (1) Costing Engineer (1) Film News (1) GGL Jobs (1) HAL Jobs (1) Hinduja Housing Jobs (1) Hofincons Jobs (1) Islamic Mutual Fund (1) LOKSABHA ELECTION 2009 (1) MBA Jobs (1) Ministry of Petroleum and Natural Gas (1) Mohammad Khurshid. (1) NBCC Jobs (1) NPCIL Jobs (1) Oreva & Ajanta Jobs (1) Patel Engineering Ltd (1) Petroleum Engineering Jobs (1) Post Gaduate Jobs (1) Rizvi Builders (1) SDFCL Jobs (1) Tenders (1) Textile Engineering Jobs (1)

Sunday, October 23, 2016

एक और तीन तलाक का फर्क (Difference between One and Three Talaq)

एक और तीन तलाक का फर्क (Difference between One and Three Talaq)

मुसलमानों के बीच आम तौर पर यह  गुमराही फैली हुयी है कि ‘तीन तलाक’ (Triple Talaq) से ही तलाक होता है. इसलिए अगर कोई पुरुष अपनी पत्नी से अलग होना चाहता है तो ‘तीन तलाक’ दे देता है. लेकिन यह मान्यता एक गुमराही भर है. 

     सच यह है कि एक या दो तलाक से भी पति-पत्नी सदा के लिए अलग हो सकते हैं. एक या दो तलाक के बाद पत्नी ‘इद्दत’ का वक़्त गुजरने के बाद दूसरी शादी कर सकती है और सदा के लिए दुसरे की  हो सकती है. और अगर चाहे तो अपने पूर्व पति से भी शादी कर सकती है. ‘तीन तलाक’ कि स्थिति में यह सुविधा बाकी नहीं रह पाती है.  ‘तीन तलाक’ से अलग हुए पति-पत्नी चाह कर भी आपस में फिर से निकाह नहीं कर सकते जब तक कि पत्नी कोई दुसरे मर्द से निकाह करे और फिर उसका तलाक हो जाए या दुसरे  शौहर का इन्तिकाल हो जाए.


    इसलिए बेहतर यही है कि अगर कोई पुरुष अपनी पत्नी से अलग होना चाहे तो ‘एक तलाक’ से ही अलग हो जाए. इसी तरह अगर कोई पत्नी ‘खुला’ के ज़रिये तलाक मांग रही है तो उसे भी चाहिए कि ‘एक तलाक’ ले और अलग हो जाए. इस एक (या दो) तलाक का फायदा यह होगा कि भविष्य में जब वे आपस में फिर से निकाह करना चाहें तो बिना किसी शर्मिंदगी के कर सकते हैं.

‘तीन तलाक’ के मतभेद:

आलिमों के बिच ‘तीन तलाक’ पर कुछ मतभेद हैं. कुछ आलिमों का मानना है कि ‘तीन तलाक’ अगर एक ही बार में यानी एक ही मजलिस में दे दिया गया तो उसे एक ही माना जाएगा. इन आलिमों के नजदीक ‘तीन तलाक’ अगर अलग अलग मजलिस में (कुछ अन्तराल पर ) दिया गया तभी माना जाएगा. जबकि कुछ आलिम यह मानते हैं कि ‘तीन तलाक’ एक साथ दें या अलग अलग, दोनों ही स्थिति में इसे ‘तीन तलाक’ ही माना जाएगा. इनके नजदीक ‘तीन तलाक’ बाअसर ज़हर के तीन प्याले की तरह हैं. इसे चाहे मजाक में पी लें, नशे की  हालत में पी लें या फिर गुस्से में, यह असर करेगा ही. (Talaq is like a effective poison, it will effect you if you eat or drink even in anger, joke or intoxication condition)

अल्लाह को नापसंद है तलाक: 
तलाक हलाल जरुर है लेकिन यह अल्लाह के नजदीक एक नापसंदीदा अमल है. एक हदीस के अनुसार जब कोई पति अपनी पत्नी को  तलाक देता है तो अल्लाह का अर्श हिल जाता है. इसलिए जहाँ तक हो इस से बचना चाहिए. तलाक के पहले आपसी अनबन को हल करने के लिए अपने अभिभावक और उलेमा के साथ मीटिंग करना चाहिए. यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि हर इंसान में कुछ न कुछ कमी रह सकती है. एक दुसरे की गलतियों को नज़र अंदाज़ कर आगे बढ़ना चाहिए. अगर मिल जुल कर एक साथ रहने की कोई  सूरत बाकी न रहे तभी तलाक का ज़हर पीना चाहिए. और अगर तलाक का ज़हर पीना ही पड़े तो एक ही प्याली पियें यानी एक तलाक से अलग हों ताकि भविष्य में अगर पश्चाताप हो तो इसका प्रायश्चित कर सकें.

- मोहम्मद खुर्शीद आलम (Mohammad Khurshid Alam)

Tags and Queries:
 नेक बातें,
दीन इस्लाम की बातें,
दीन इस्लाम की बातें हिन्दी,
दीन की बातें,
दीन इस्लाम,
deen ki baaten quotes, 
nek baaten in hindi,
deen ki baaten in hindi,
md khurshid,
md khurshid alam,


No comments:

Post a Comment

Popular Posts (Last 30 Days)

Contact Form

Name

Email *

Message *