आए दिन हम भारत के विभिन्न राज्यों मे हिंसक नक्सलियों और उग्रवादियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करते रहते हैं. इसका नतीजा हमे यह मिलता है कि कुछ दिनों के लिए ये कमजोर पड़ जाते हैं लेकिन जैसे ही पुलिस कार्रवाई बंद होती है या कम होती है तो ये फिर मजबूत हो जाते हैं और हिंसक गतिविधियों को अंजाम देते हैं.
इन हिंसक नक्सलियों और उग्रवादियों को जड़ से मिटाने के लिए हमे ठोस और दीर्घकालीन उपायों पर काम करने की ज़रूरत है. यहाँ पेश है ऐसे १५ उपाय:
१. प्रत्येक गावों का तेज़ी से विकास किया जाए.
२. अमीरी और ग़रीबी के बीच की खाई को कम से कम किया जाए.
३. प्रत्येक युवक को रोज़गार उपलब्ध कराया जाए.
४. उच्च और नीच जाति का भेद मिटाया जाए.
५. किसी के साथ नाइंसाफी नही हो, इसका ख्याल रखा जाए.
६. किसी को भी फर्जी मुकदमों मे फँसाया नही जाए.
७. फर्जी मुक़दमा करने वाले और इसे अपने अनुसंधान मे सही ठहराने वाले पुलिसकर्मियों को कड़ी सज़ा दी जाए.
८. फर्जी मुक़दमा से पीड़ित व्यक्ति को समुचित मुआवज़ा दी जाए.
९. न्याय प्रणाली को सरल, सुलभ और सस्ता बनाया जाए.
१०. पुलिस अराजक तत्वों को छोड़ कर सभी ग्रामीणों के साथ मित्रवत व्यवहार करे.
११. दबंगई, गुंडई पर काबू रखा जाए.
१२. सभी को शिक्षित होना अनिवार्य किया जाए और इसके लिए सब को निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था हो.
१३. अच्छे आचरण अपनाने के लिए और इसके प्रोत्साहन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन सुचारू रूप से हो.
१४. सभ्य, सुसंस्कृत और शालीन ग़रीबों, शोषितों और पिछड़े लोगों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाए.
१५. गुमराह और भटके हुए युवकों, नक्सलियों, माओवादियोंऔर उग्रवादियों को बातचीत के मेज पर बुलाकर उनसे उनकी समस्याएँ पूछी जाए और जायज़ माँगों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाए.
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