भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला चाहे क्रिकेट मैच हो या हॉकी या कोई और मैच, बहुत ही रोमांचक होता है. ऐसे मैच को देखने सुनने के लिये हर भारतीय और पाकिस्तानी मे काफी उत्सुकता रहती है. इसी उत्सुकता और जुनून ने भारतीय क्रिकेट को अमीर बना दिया है. स्वस्थ मनोरंजन के लिये इन खेलों मे उत्सुकता और जुनून होना भी चाहिये.
लेकिन यहाँ दुख की बात यह है कि कुछ शरारती और कुछ बेवकूफ लोग भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच को धर्म से जोड़ देते हैं जो कि सरासर गलत है. भारत के हर शहर मे कुछ ऐसे शरारती और बेवकूफ मुसलमान मिल जाते हैं जो कि इन मैच मे पाकिस्तान की जीत से खुश होते है. यहाँ तक कि कुछ तो पटाखे छोड़कर और मिठाइयां बांटकर इस खुशी (बेवकूफी और शरारत) का इज़हार भी करते हैं. उनका यह कदम बिल्कुल निन्दनीय है और धर्म के खिलाफ है.
इन चन्द मुट्ठी भर लोगों की करतूत की वजह से पूरा भारतीय मुसलमान बदनाम होता है. और जो मुसलमानों को बदनाम करने मे लगे रहते हैं, उन्हे एक बहाना मिल जाता है. इसलिये मेरा हर भारतीय से आग्रह है कि ऐसे बुरे तत्वों को हक बात प्यार से समझायें, न मानें तो इनकी उपेक्षा करें और इन्हे भाव न दें. हक बात की दावत और इनके सामाजिक बहिष्कार से इनके आँखों पर पड़ी पट्टी खुल सकती है.
भाई खुर्शीद जी
ReplyDeleteआप सच बोल रहे हैं इसलिए हम आपका धन्यवाद करते हैं।
नवभारत टाइम्स में अपना ब्लॉग "मनमौजी वार्ता" के लिए
अनुपम उपाध्याय
Thanks, Anupam bhai.
ReplyDeletereally thankful to you for your response.
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