भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के युवा नेता और बिहार इकाई के अध्यक्ष डा. अशोक चौधरी ज़मीन से जुड़े नेता हैं. इस लोकसभा चुनाव मे कांग्रेस के लिये जी तोड मेहनत कर रहे हैं. बिहार मे कांग्रेस की संभावित अच्छी स्थिति का क्रेडिट इन्हे जरूर मिलेगा. मैने कुछ दिन पहले इनसे ईमेल से संपर्क किया और पाठकों के लिये कुछ प्रश्नों के उत्तर मांगे. लेकिन चुनावी व्यवस्तता की वजह से उनका जवाब नही आ सका. फिर कुछ दिन पहले इन्हे पितृशोक हो गया. उनके पिता श्री महावीर चौधरी का देहान्त हो गया. श्रद्धांजलि देने उनके घर सोनिया गाँधी भी पहुंची. मैं भी उनके इस दुख मे शामिल हूँ. ईश्वर उन्हे और शक्ति और साहस दे.
मेरे कुछ प्रश्न चूंकि चुनाव बाद अप्रासंगिक हो जायेंगे, इसलिये मैं अपने प्रश्नों को पाठकों के सामने रखना चाहूंगा.
मेरे पूछे गये प्रश्न:
१. सर्वप्रथम ब्लॉग के पाठकगण को अपने बचपन और अपनी शिक्षा के बारे मे बताए.
२. कृपया अब तक के अपने राजनीतिक सफ़र पर प्रकाश डालें.
३. राजनीति के अलावे क्या करते हैं और आपके शौक क्या क्या हैं.
४. कॉंग्रेस ने बिहार कॉंग्रेस का अध्यक्ष बनाकर आपके उपर बड़ी ज़िम्मेदारी दी. क्या इसकी वजह आपकी राहुल गाँधी से नज़दीकी है या और कुछ? इस ज़िम्मेदारी को आप कैसे निभा पा रहे हैं? कोई मुश्किल तो नही आ पा रही?
५. वर्तमान लोकसभा चुनाव मे राजद से सफल गठबंधन मे आपका क्या रोल रहा?
६. क्या आप यह स्वीकार करते हैं कि राजद की गठबंधन की वजह से कॉंग्रेस बिहार मे अच्छा नतीजा देगी?
७. क्या चुनाव बाद जद-यू से भी कॉंग्रेस समर्थन की उम्मीद करती है?
८. जब सपा और बसपा दोनो एक साथ कॉंग्रेस का समर्थन केंद्र मे कर सकती है तो राजद और जद-यू दोनो को साथ जोड़ने मे क्या परेशानी है?
९. अगर इस बार फिर कॉंग्रेस की सरकार केंद्र मे बनी तो बिहार से मंत्री पद पाने वाले कौन कौन हो सकते हैं?
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