आजकल लोकसभा चुनाव के नतीजों के सर्वे बार बार छप रहे हैं. इन सर्वे वालों की नियत और उद्येश्य सब लोग जान चुके हैं. मोदी विरोधी लहर होते हुये भी भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें दिखा रहे हैं. बिहार की राजनीति पर गौर करते हुये मेरा आकलन है कि बिहार मे सबसे ज्यादा सीटें इस बार राजद जीतेगी. दूसरे नंबर पर जद-यू और तीसरे नंबर पर भाजपा आयेगी. इस आकलन के पीछे मेरा निम्नलिखित तर्क हैं:
1. कुर्मी जाति छोड़कर सभी पिछड़ी जातियों के अधिकांश वोट राजद को मिलेगी. बिहार मे पिछड़ी जातियों का मनोबल जितना उँचा लालू यादव ने किया है उतना कोई नही. यही कारण है कि भूमिहार और ब्राह्मण जैसी स्वर्ण जातियाँ सबसे ज्यादा विरोध लालू का करते हैं.
2. कोइरी जाति पहले नीतीश के साथ थी पर इस बार इस जाति के कई बड़े नेता नीतीश को छोड़ चुके हैं और लालू के साथ हो गये हैं. लालू यादव भी इन लोगों को काफी सम्मान दे रहे हैं.
3. मुसलमानों के अधिकांश वोट राजद को ही मिलेंगे. भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार अच्छा काम कर रहे हैं पर मुसलमान उन पर विश्वास अभी नही करेंगे. अगले पांच साल तक अगर नीतीश भाजपा से अलग रहते हैं तो मुसलमानों को उन पर विश्वास करने मे आसानी होगी.
4. नीतीश कुमार की पार्टी विकास कार्यों के कारण 2 नंबर पर पहुंचने मे कामयाब हो जायेगी. कुर्मी और महादलित के लगभग सारे वोट इन्ही को मिलेंगे.
5. नरेन्द्र मोदी विरोधी लहर के चलते भाजपा के 3 नंबर पर जाने का अनुमान है. भूमिहार और अमीर वैश्य लोगों के अधिकांश वोट भाजपा को मिलेंगे.
6. भूमिहार विरोध के कारण राजपूतों के ज्यादातर वोट राजद को जायेंगे और कुछ वोट नीतीश को.
7. ब्राह्मण के वोट कॉंग्रेस और भाजपा दोनो को मिलेंगे.
8. राजद से गठबंधन की वजह से कॉंग्रेस को भी अच्छी सीटें मिलेगी.
9. कांग्रेस के परंपरागत वोट दोनो को मिल जायेंगे.
10. बिहार मे 'आप' के कमजोर होने का लाभ भाजपा विरोधी पार्टियों को मिलेगी.
11. सोनिया और राहुल की स्वच्छ छवि का लाभ कांग्रेस और राजद दोनो को मिलेगा.
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