काराकाट लोकसभा क्षेत्र पिछली बार के परिसीमन के बाद अस्तित्व मे आया है. यह रोहतास ज़िले के तीन और औरंगाबाद के तीन विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बना है. यहाँ से पिछले लोकसभा चुनाव मे जद-यू के महाबली सिंह की विजय हुई थी.
निवर्तमान सांसद महाबली सिंह इस बार भी जद-यू के टिकट पर चुनाव लड रहे हैं. लेकिन इस बार की लड़ाई अलग है. पिछली बार भाजपा इनके साथ थी जिसकी वजह से कोइरी-कुर्मी वोट के साथ इन्हे स्वर्ण भूमिहारों का वोट भी खूब मिला था. इस बार भाजपा के समर्थन से रालोसपा के उपेन्द्र कुशवाहा चुनाव लड रहे हैं. ये दोनो स्वजातीय कोइरी जाति से हैं, इसलिये कोइरी जाति का वोट बँटना तय माना जा रहा है.
यहाँ से राजद ने कांग्रेस के समर्थन से यादव जाति की कांति सिंह को चुनाव मैदान मे उतारा है. ये पूर्व मे मंत्री भी रह चुकी हैं. लेकिन राजद का यहाँ दुर्भाग्य यह है कि ओबरा के राजद विधायक सत्यनारायण सिंह (यादव) ने बगावत कर दिया है. उन्होनें भी अपना नामांकन निर्दलीय से किया है. अगर यह बगावत चुनाव होने से पहले थम गयी और यादव वोटों का बंटवारा नही हुवा तो यहाँ से राजद की जीत तय है.
पिछले चुनाव मे भी राजद के हार का अंतर कम था बल्कि 6 मे से 2 विधानसभा क्षेत्रों मे तो राजद आगे थी. इस क्षेत्र मे अक्सर देखा गया है कि राजपूत जाति के लोग भूमिहार के खिलाफ मतदान करते हैं. अगर भूमिहार रालोसपा के साथ जाते हैं तो राजपूत राजद के साथ जायेंगे. यही वजह है कि इस सीट से राजद के जीतने की उम्मीद ज्यादा है.
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